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प्राइवेट क्लाउड




रोज कहा जाये या कहा जाये पल-पल कंप्यूटर टेक्नालोजी में कुछ नया आ रहा है। दरअसल कहा जा सकता है कि कंप्यूटर ने विज्ञान की एक अलग शाखा ही बना ली है। अब बारी है प्राइवेट क्लाउड की। और शायद कल ही कुछ और नया न आ जाये।

किसी कम्प्यूटर के पीछे चल रही मशीनरी और अपने बीच के पृथक्करण के चलते उपभोक्ता सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न आयामों से अछूता रहता है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर चल रही सामान्य एप्लिकेशन के अलावा और भी चीजें हैं जिन्हें हम उपभोक्ता को दी जा रही सुविधाओं में गिन सकते हैं। इनमें से तीन महत्वपूर्ण सुविधाएं इस प्रकार हैं :

1. सॉफ्टवेयर
2. प्लेटफार्म यानी सॉफ्टवेयर को सहारा देने वाला आइए मिश्रा जी की कहानी पर नजर डालें ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे मह्य ७) प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (जिसमें सॉफ्टवेयर बनाया गया है), विभिन्न
3. इन्फ्रास्ट्रक्चर- इसमें कम्प्यूटर हार्डवेयर जैसे प्रोसेसर, स्टोरेज या टवर्क जैसी चीजें शामिल हैं। शायद कुछ वर्ष पहले हम इन सेवाओं को अलग-अलग न देखकर एक ही कम्प्यूटर सिस्टम के रूप में देखते थे। लेकिन इधर क्लाउड के आगमन से यह अलग-अलग दी जा रही सेवाओं के रूप में देखी जाने लगी है। प्राइवेट क्लाउड से पहले हमें क्लाउड


समझ लेना बहुत जरूरी है। आइए इसे ऐसे उदहरण समझें जिससे कोई अछूता नहीं है। फेसबुक - फेसबुक पर अपलोड की जा रही आपकी तस्वीरें कहां जाकर स्टोर होती हैं ? फेसबुक के सर्वर पर । गलती से अगर ये फोटो आपक कम्प्यूटर से डिलीट हो गईं तो फेसबुक पर जाइए और अपनी नहीं फोटो डाउनलोड कर दुबारा कम्प्यूटर पर सेव कर लीजिए। यानी यहां आपको स्टोरेज सेवा के रूप में मिल रही है। अगर आप जी-मेल का उपयोग करते हैं तो वह एक सॉफ्टवेयर है जो आपके कम्प्यूटर पर स्टोर नहीं बल्कि एक सर्विस है जो आपको इंटरनेट से मिल रही है। इसी तरह बाकी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और प्लेटफार्म भी कम्प्यूटर पर न होकर एक सेवा के रूप में उपलब्ध हैं और इसे ही हम क्लाउड कम्प्यूटिंग कहते हैं। सामान्य उपभोक्ता बहुत पहले से ही क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल जी-मेल और फेसबुक जैसी सुविधाओं के रूप में कर रहे हैं। इसलिए क्लाउड कम्प्यूटिंग कोई नई चीज नहीं। अब सामान्य उपभोक्ताओं से हटकर संस्थाओं की बात करें तो बहुत फर्क नजर आता है।

मिश्रा जी अपनी संस्था में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कार्य करते हैं। उन्हें एक एप्लिकेशन डेवलप करनी है जिसके लिए एक विशेष वेब सर्वर, डेटाबेस और हार्डवेयर की जरूरत है। अब मिश्रा जी के पास दो रास्ते हैं, पहला तो यह है कि संस्था के आईटी विभाग को बुलाया जाए और सभी चीजें तैयार की जाएं। सामान्यतः यह प्रक्रिया बहुत समय लेगी और उसके बाद ही ये सारी जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इस लंबे अंतराल में कई बार मिश्रा जी अपने बाल खीचते और ऊप नजर आएंगे। दूसरा रास्ता यह है कि यह सॉफ्टवेयर
डेवलपर एक सेल्फ सर्विस पर लॉग करे अपनी जरूरत के अनुसार हर विकल्प पर जांच करें (जैसे कितनी की जरूरत है, कौन सा सर्वर चाहिए इत्यादि) और बिना या बाल खीचे अपना काम शुरू कर दे यानी जरूरत की सभी चीजें, चाहे वह हार्डवेयर या साफ्टवेयर दूसरी जगह पर उपलब्ध है और डेवलपर को इंटरफेस के जरिए बस विकल्प चुनने हैं। '
यह दूसरी जगह ही क्लाउड कहलाती है। क्लाउड से जो सर्विस चाहें वह मिल सकती है। सिर्फ चुनें और उपयोग करना शुरू कर दें यहाँ पर अब शायद आपके सामने पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड शब्द रखे जाएं तो आप उनका अंतर आसानी से बता सकते हैं। यहां क्लाउड का अर्थ हुआ हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और प्लेटफार्म का बड़ा संचयन जिससे जब चाहे आवश्यकतानुसार सेवाएं लें और जब चाहें उन्हें वापस करें। यही क्लाउड सेवा इंटरनेट के जरिए यदि आपकी किसी थर्ड पार्टी के माध्यम से मिले तो यह पब्लिक क्लाउड कहलाती है तथा यदि यह क्लाउड आपकी अपनी संस्था का है और उसी के नेटवर्क पर है तो प्राइवेट क्लाउड कहलाएगा।

पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड में अंतर 





• संस्थाओं में कुछ एप्लिकेशन अति महत्त्वपूर्ण होती हैं। इन्हें अंग्रेजी में मिशन क्रीटिकल कहा जाता है। ऐसी एप्लिकेशन को थर्ड पार्टी यानी पब्लिक क्लाउड पर रखने का मतलब अपना अति महत्वपूर्ण डाटा दूसरे के हाथ में देना है। पब्लिक कलाउड पर दूसरी संस्थाओं का डाटा एवं एप्लिकेशन साझा रूप से स्थित होता है। अतः आज के अत्यंत प्रतियोगी माहौल में यह खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में क्लाउड को अपनी ही संस्था की नेटवर्क सीमाओं के अंदर खींच लिया जाए तो बेहतर है। यह प्राइवेट क्लाउड कहलाएगा जो एक ही संस्था के कर्मचारियों के लिए समर्पित होगा।

- विभिन्न संस्थाओं का डाटा साझा रूप में स्थित होने के कारण पब्लिक क्लाउड की बैंडविड्थ (नेटवर्क की गति का परिचायक) प्राइवेट क्लाउड की अपेक्षा कम होती है।

हर संस्था का अपना सर्विस लेवल एग्रीमेंट यानी सेवा स्तरीय अनुबंध होता है। पब्लिक क्लाउड के जरिए दी जा रही सेवाओं पर उपभोक्ता का नियंत्रण बहुत कम होता है। प्राइवेट क्लाउड की सेवाएं उपभोक्ता के नेटवर्क की सीमाओं के अंदर होने के कारण यहां सेवा स्तरीय अनुबंध अपना ही होता है। इस अनुबंध में दी गई सभी सेवाओं पर ज्यादा मजबूत नियंत्रण किया जा सकता है।

क्लाउड की सेवाएं देने वाली थर्ड पार्टी की ही होती है। - जाहिर है कि पब्लिक क्लाउड की अपेक्षा प्राइवेट क्लाउड ज्यादा सुरक्षित है। इसका कारण स्पष्ट है। यही नहीं प्राइवेट क्लाउड की उत्पत्ति का मुख्य कारण

पब्लिक क्लाउड में पर्याप्त सुरक्षा का न होना ही है। हाल ही में किए गए महत्वपूर्ण शोध से पता चला है कि पब्लिक क्लाउड की तुलना में प्राइवेट क्लाउड 40 प्रतिशत कम खर्चीला है। हालांकि इसका दूसरा पक्ष

पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड में अंतर यह भी है कि प्राइवेट क्लाउड ज्यादा कर्मचारियों की

मांग करता है। निपुण कर्मचारियों और सारे तकनीकी संसाधनों से लैस रहना प्राइवेट क्लाउड के लिए निहायत जरूरी है। प्राइवेट क्लाउड को हाल ही में सुरक्षित, ज्यादा तेज ज्यादा सस्ता का नारा दिया गया था। इन सभी गुणों को कार्यान्वित करने से पहले निम्नलिखित बातें ध्यान में रखना जरूरी है यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कहीं

परिचालन गति के बदले संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग का बलिदान तो नहीं दिया जा रहा है। प्राइवेट क्लाउड में रखी जाने वाली चीजों का चयन समझदारी से किया जाना चाहिए। प्राइवेट क्लाउड

के प्रतिकूल हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या प्लेटफार्म इसमें

रख देने से खर्चा बढ़ता है। • प्राइवेट क्लाउड में लचीलापन तभी आ पाएगा जब उपभोक्ताओं की जरूरतों का बार-बार अध्ययन किया जाए। उपभोक्ताओं के सेल्फ सर्विस पोर्टल पर यदि उनकी असली जरूरतें न हों तो यह प्राइवेट क्लाउड की मौलिकता पर सवालिया निशान है।

शुरुवात में प्राइवेट क्लाउड स्थापित करने में अच्छा खसा श्रम लगता है। हालांकि यह बाद में सॅफ्टवेयर, हार्डवेयर एवं प्लेटफार्म के परिचालन खर्च को कम करने में बहुत कारगर साबित होता है।

यह महत्वपूर्ण है कि प्राइवेट क्लाउड क्लाउड की प्राइवेट क्लाउड के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों कसौटियों पर खरा उतरता हो इसके लिए हमें क्लाउड श्रेणी में तभी आ पाएगा जब वह क्लाउड की सारी परिभाषा और उसका चरित्र समझना जरूरी टेकनॉलोजी ने

पर सर्वर टाइम एवं नेटवर्क स्टोरेज जैसे कम्प्यूटर संसाधनों का प्रावधान बिना मानवीय हस्तक्षेप के आसानी
से कर सकता है।

विस्तृत नेटवर्क एक्सेस - सभी कम्प्यूटिंग सुविधा नेटवर्क पर उपलब्ध होती है एवं प्रामाणिक स्तर पर प्राप्त हो सकती हैं।

संसाधनों को एक जगह पर एकत्रित करना प्रोवाइडर से कम्प्यूटर संसाधन एक ही समूह में एकत्रित होते हैं जहां से विभिन्न उपभोक्ताओं की सेवाएं मिल सकें।

तीव्र लचीलापन मांग के अनुसार संसाधनों को दूसरे संसाधनों पर भी लागू होती है। जैसे-जैसे सम सही प्रकार से घटाया बढ़ाया जा सके।

मापी गई सेवा मापने की प्रक्रिया पर दबाव डालकर संसाधनों का स्वचालित नियंत्रण और

अनुकूलतम उपयोग। यह पांचों विशेषताएं प्राइवेट क्लाउड में नजर आती हैं। इसलिए इसे क्लाउड की श्रेणी में बिना हिचकिचाहट के रखा जा सकता है। कुछ वर्ष पहले तक भारतीय मानसिकता किसी भी तकनीक को कार्यान्वित करने में आने वाले खर्च के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई देती थी। इसी के चलते क्लाउड कम्प्यूटिंग के बड़ नाम सेल्सफोर्स डॉट कॉम के चेयरमैन एवं सीईओ मार्क बेनिऑफ का

मोबाइल से सुनें शिशु की धड़कन

कहा कि, "ऐशियाई बाजार कम खर्चीले क्लाउड की तरफ ज्यादा आकर्षित हो सकते हैं। कुछ लोगों ने इस यूं माना कि ऐशियाई बाजार कम खर्च के चलते क्लाउड पर अपने डाटा की सुरक्षा का बलिदान दे सकते हैं। इसको लेकर टेकनॉकेट्ज पत्रिका में छपे लेख पर काफी विवाद रहा जहां भारती सूचना प्रौद्योगिकी के बह नामों ने इस पर भारत के तकनीकी रूप से परिपक्च होने की दलील दी। जो भी हो सुरक्षा की दृष्टि से तो सारे वाद-विवाद पाइवेट क्लाउड की ओर अग्रसर होने का ही इशारा करते हैं।

प्राइवेट क्लाउड में क्लाउड शब्द की विशेषता तो हैं हीं। इसके अतिरिक्त यह उसकी कई खामिय को दूर करता नजर आता है जिनमें से अधिकत का उल्लेख तो पहले ही किया जा चुका है। एक और चीज है जो पब्लिक क्लाउड में कई संस्थाओं के लिए वांछित नहीं है। इसे अंग्रेजी में पे-पर- यूज यान जितना इस्तेमाल करें उतना बिल भरें। शुरुआत पे-पर-यूज ने कइयों को आकर्षित किया। यह ऐसे ह है जैसे बिजली का बिल। अगर प्रोसेसर की बात क तो आपने जितनी प्रोसेसर क्षमता का इस्तेमाल किया उतना ही बिल आएगा। यही बात स्टोरेज, नेटवर्क जैन आगे बढ़ता गया यह सवाल उठता गया कि संसाधन के उपयोग पर कौन निगाह रखता है। पब्लिक क्लाउ की बात की जाए तो यह उपभोक्ता के हाथ में ना होता। सर्विस प्रोवाइडर ही यह सब नियंत्रित करता इसके चलते एक बार फिर प्राइवेट क्लाउड पब्लि क्लाउड से ज्यादा कारगर साबित होता है। संसाध के उपयोग पर भी उपभोक्ता का ही नियंत्रण हो है। यानी उपयोग किए गए संसाधनों में पारदर्शिता प्राइवेट क्लाउड से ही आती है। क्लाउड कम्प्यूि ने सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में कई उथल-पुथ मचाई है।


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